@surajsahu5656
मैं"नरेंद्र दामोदरदास मोदी"! मेरा जन्म उस महान् तैलिक वंश में हुआ है, जिसमें अनेक शासकों- सम्राटों , संत - महात्माओ, दानवीरों, समाजसेवीयो, विद्वानो , वैज्ञानिकों, उद्यमी- उद्योगपतियों-व्यापारियों तथा राजनेताओं ने जन्म लिया है।
इस वंश में जगदम्मा माता मिनाक्षी देवी ने जन्म लिया है जिसकी वंदना मनुष्य ही नहीं बल्कि ३३कोटी देवी देवता भी करते हैं। जगत वंदनीय नारी शक्ति के प्रतीक मां कन्नगी देवी, बौद्धो के २८ वें कुलपिता "बोधिधर्म" जिसने विश्व में कुंग-फू,और ध्यान संप्रदाय का प्रसार किया , जैनाचार्य हेमचंद्र सूरी, भक्त शिरोमणी कर्मा माता , भक्त राजीम माता ,संत तुलाधर , संत सांताजी जग्नाडे, माता तेलिन सती,संत पुरणेश्वर, बाबा बादल नायक व गुरु गोरखनाथ जैसे तैलिक वंशीय संत महात्माओ ने विश्व को ज्ञान व मार्गदर्शन दिया।
दक्षिण भारत के चालुक्य, चोल, पल्लव, पाण्ड्य तथा उत्तर भारत के गुप्त वंश जैसे महान राजवंश भी तैलिक हैं।
विश्व प्रसिद्ध सम्राट राजेंद्र चोल , श्रीरामचन्द्र जी व सम्राट अशोक के बाद तीसरे सबसे बड़े भारतीय सम्राट थे,वें अपने समय में संसार के सबसे ताकतवर शासक थे। गुप्त काल को भारत का स्वर्णयुग कहा जाता है, चोल काल को दक्षिण भारत का स्वर्णयुग व पूर्वी चालुक्यों के काल को आंध्र का स्वर्णयुग माना जाता है , इतना ही नहीं जैनाचार्य हेमचंद्र सूरी के मार्गदर्शन के कारण ही गुजरात में सिध्दराज सोलंकी के शासनकाल को गुजरात का स्वर्णयुग कहा जाता है। इस तरह तैलिक वंशियों के कारण ही भारत में स्वर्णयुग कायम हुआ था। दक्षिण भारत के 90% भव्य मंदिर तैलिक वंश के राजाओं ने बनवाये हैं। तेल्हारा महाविहार (विश्वविद्यालय)की स्थापना तेल्हारा शहर के तेल्हारा-तैलिक व्यापारियों ने की थी तथा नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना तेल्हारा तैलिक राजा बालादित्य गुप्त ने की थी।
13वीं सदी के मध्य तक, सदियों से कभी आधा भारत तो कभी सम्पूर्ण भारत अकेले हमारे तैलिक वंश के अधिन ही रहा है।
मेवाड़ उद्धारक महान "दानवीर भामाशाह "तथा तमिलनाडु के महान "दानवीर चेन्गलवर्या नायकर" व आरक्षण के जनक - यशवंतराव आबासाहेब घाटगे उर्फ "साहूजी महाराज" ,भारत के आजादी के नायक व राष्ट्रपिता "महात्मा गांधीजी" , श्रीलंका के राष्ट्रीय नायक ''पंडारा वानियान्'' तैलिकवंशी थे।
प्रथम वित्तमंत्री षण्मुगम चेट्टियार, झारखंड के मुख्यमंत्री साहू रघुबर दास, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, पांडिचेरी के पूर्व मुख्यमंत्री एन रंगास्वामी एवं वैदिकलिंगम , पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी जैसे प्रतिभावान् राजनेता इस वंश में जन्मे हैं।
विश्वव्यापी उद्योगपति धीरूभाई अम्बानी,अनील व मुकेश अंबानी, देशबंधु गुप्ता( Lupin group) , दीपक पारेख(HDFC Bank),सी पी नायर"वानिया"(Leele group),रचित दलाल,इन्द्रवदन मोदी,एम शंकरन , सिराज कासिम तेली ( businessmen Group), चेन्गलवर्या नायकर, एस रामादौस(Makkal TV), राजशेखर बिर्थी व्यास राव(kamat group of hotels), बी ए नरसिम्हामूर्ति(abhinay group of hotels), मुरुगवेल जानकीरमन( consim), यूरोप में उद्योग स्थापित करने वाले प्रथम भारतीय उद्योगपति पांडुरंग बनारसे जी तैलिकवंशी थे।
तैलिक समाज भारत के इतिहास, राजनीति, संस्कृति व अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है। हम तैलिकों के इतिहास को यदि छोड़ दिया जाए, तो भारतवर्ष के इतिहास में शेष कुछ भी नहीं बचेगा।
इसलिए मुझे गर्व है कि मैं एक तैलिकवंशी हूं, और इससे भी कहीं ज्यादा गर्व एक भारतीय होने पर है।
जय हिन्द! वन्दे मातरम्!
👍👍
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